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VISHNU AGARWAL EDITOR/DAILY INDIATIMES DIGITAL NEWS PLATFORM/12 SEPTEMBER 2025

राजधानी जयपुर का पूरी तरह से कायापलट होना है, इसके पहले नगरीय विकास विभाग ने जनता से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 14 सितंबर आखिरी तारीख है। यहां पढ़ें आने वाले भविष्य में जयपुर किस तरह से विकसित होने वाला है।

जयपुर। राजधानी में ट्रैफिक जाम, बढ़ते प्रदूषण और अव्यवस्थित शहरीकरण से निपटने के लिए नगरीय विकास विभाग ने ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार किया है।इस नीति का मकसद है कि मेट्रो, रेलवे और रीजनल ट्रांजिट स्टेशनों के आसपास योजनाबद्ध मिश्रित उपयोग वाले क्षेत्र विकसित किए जाएं, ताकि लोग आसानी से पैदल या गैर-यांत्रिक वाहनों से स्टेशनों तक पहुंच सकें और निजी वाहनों पर निर्भरता कम हो। विभाग ने इस ड्राफ्ट पर जनता से 14 सितंबर तक सुझाव मांगे हैं।

नगरीय विकास विभाग के अनुसार, TOD जोन वह क्षेत्र होगा जो किसी ट्रांजिट स्टेशन से 800 मीटर की परिधि में आता है। इसमें मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन और अन्य क्षेत्रीय ट्रांजिट नोड शामिल होंगे। ऐसे जोन में आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों को अनिवार्य रूप से मिलाकर विकसित किया जाएगा, ताकि इलाके बहुउद्देशीय रूप में काम कर सकें।

मुख्य प्रावधानड्राफ्ट पॉलिसी के अनुसार, किसी भी TOD जोन में कम से कम 60 फीट चौड़ी एक्सेस रोड और योजना की परिधि के 25 प्रतिशत हिस्से तक सड़क की सुविधा होना जरूरी होगा। इसके अलावा, यहां फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) अधिक रखने की अनुमति दी जाएगी ताकि योजनाबद्ध और ऊर्ध्वाधर विकास को बढ़ावा मिल सके। इससे जमीन का बेहतर उपयोग होगा और आवासीय व वाणिज्यिक जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।

इंटेंस डेवलपमेंट एरियानीति में इंटेंस डेवलपमेंट एरिया की परिभाषा भी तय की गई है। यह क्षेत्र ट्रांजिट स्टेशन से 500 मीटर की दूरी तक और 500 से 800 मीटर की केंद्रीय रेखा के बीच होगा। यहां सरकारी आवास, बड़े वाणिज्यिक केंद्रों और औद्योगिक क्षेत्रों के पास सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक परिवहन को अपनाएं और निजी वाहनों का दबाव कम हो।

स्मार्ट शहरी विकास की दिशाअधिकारियों का कहना है कि TOD पॉलिसी से जयपुर को स्मार्ट और योजनाबद्ध शहरी विकास की दिशा मिलेगी। इससे न केवल ट्रैफिक दबाव घटेगा बल्कि प्रदूषण नियंत्रण और जीवन स्तर सुधार में भी मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह पॉलिसी सही तरीके से लागू होती है तो जयपुर देश के उन शहरों में शामिल हो सकता है जहां सतत और आधुनिक शहरी मॉडल अपनाए जाते हैं।

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