


VISHNU MITTAL भरतपुर/DAILY INDIATIMES/2 OCTOBER 2025
भरतपुर में खांसी सिरप से एक बच्चे की और मौत* मृतक बालक वैर थाना के गांव लुहासा निवासी हलैना (भरतपुर)राजस्थान में खांसी की सिरप जान लेवा साबित हुई है.भरतपुर में इसी खांसी सिरप से एक बच्चे की मौत का और मामला सामने आया है.परिजनों का दावा है इसी सिरप से बच्चे की मौत हुई है।गांव लुहासा निवासी निहाल सिंह ने बताया कि मेरे दो बच्चे थे बड़ा बेटा थान सिंह लगभग 5 साल और छोटा बच्चा तीर्थराज जिसकी उम्र 2 साल थी जिन्हें 23 सितंबर को खांसी जुखाम की शिकायत थी.दोनों को सुबह 11 बजे के आस पास वैर के उपजिला अस्पताल लेकर गए जहां चिकित्सक बबलू मुद्गल को दिखाया जिन्होंने दवाई लिखने के साथ सीरप लिखी.घर 12 बजे आकर छोटे बच्चे तीर्थराज को एक ढक्कन सीरप पिला दी.उसके बाद बच्चा सो गया उन्होंने सोचा कि बच्चा सो रहा होगा लेकिन 4 घंटे बाद जब होश नहीं आया तो परिजन बच्चे को लेकर उपजिला अस्पताल वैर लेकर पहुंचे.चिकित्सक डॉक्टर बबलू मुद्गल मिले जिन्हें बताया कि आपके द्वारा जो सीरप दी गई है उसी से तबीयत खराब हुई है.चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद जनाना अस्पताल भरतपुर रैफर किया.जहां बच्चे को भर्ती किया.बच्चे को होश नहीं आने पर 24 सितंबर शाम तीन बजे जयपुर जेके लोन में रैफर किया।जहां बच्चे को भर्ती कराया बच्चे को होश नहीं आया और चिकित्सकों ने 27 सितंबर को सुबह चार बजे मृत घोषित कर दिया.उसके बाद बच्चे का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया.उसके बाद बयाना में सीरप का मामला सामने आने के बाद परिजनों को जानकारी मिली कि यही सिरप बच्चे को दी थी इसी से उनके बच्चे की मौत हुई है.उसके बाद उन्होंने चिकित्सक को अवगत करा दिया है.

भरतपुर जिले के मल्हा गांव में भी इसी सिरप से 2 साल के सम्राट जाटव की मौत हो गई. सम्राट के साथ उसकी बहन और चचेरे भाई ने भी दवा ली थी. दोनों उल्टी करने के बाद संभल गए लेकिन सम्राट नहीं बच पाया. परिजनों को असली कारण तब पता चला जब सीकर की घटना खबरों में आई.
राजस्थान में सरकारी अस्पतालों से बांटे जा रहे खांसी के सिरप ने हड़कंप मचा दिया है. इस दवा से बीते दो हफ्तों में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा बीमार पड़ गए. चौंकाने वाली बात ये रही कि एक डॉक्टर, जिसने इसकी सुरक्षा साबित करने के लिए खुद ही सिरप पी लिया, 8 घंटे तक बेहोश पड़ा मिला. अब सरकार ने इस खतरनाक दवा की 22 बैचों पर बैन लगा दिया है और कंपनी पर जांच बैठा दी है.
राजस्थान में एक खांसी का सिरप बच्चों के लिए जहर साबित हो रहा है. सरकारी अस्पतालों से बांटे जा रहे इस सिरप की वजह से अब तक दो मासूम बच्चों की जान जा चुकी है और 10 से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो चुके हैं. इतना ही नहीं, इस दवा को सुरक्षित बताने के चक्कर में एक डॉक्टर ने भी इसे पी लिया और खुद 8 घंटे तक कार में बेहोश पड़ा मिला.
मौत की पहली खबर सीकर से आई-सीकर जिले के चिराना सीएचसी में 5 साल का नितीश खांसी-जुकाम के लिए यह सिरप लेकर आया था. रात 11:30 बजे उसकी मां ने दवा दी. आधी रात को उसने पानी मांगा और फिर सो गया. सुबह तक वह नहीं उठा. जब परिजन उसे अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों का कहना है कि नितीश दिनभर बिल्कुल ठीक था और शाम को गरबा में भी गया था.
डॉक्टर भी हुए शिकार-बयाना में डॉ. ताराचंद योगी को जब शिकायत मिली कि बच्चे बीमार हो रहे हैं, तो उन्होंने खुद ही सिरप पी लिया और एंबुलेंस ड्राइवर को भी दिया. कुछ ही देर में डॉक्टर खुद बेहोश होकर सड़क किनारे 8 घंटे तक पड़े रहे. परिजन फोन ट्रैक कर उन्हें वहां से ले गए. एंबुलेंस ड्राइवर भी बीमार पड़ा लेकिन इलाज के बाद ठीक हो गया.
बांसवाड़ा में 8 बच्चे बीमार-बांसवाड़ा जिले में भी आठ बच्चे इसी सिरप से बीमार पड़े. इनमें एक 6 साल का बच्चा गंभीर हुआ, लेकिन इलाज से उसकी हालत सुधर गई.
सरकार की कार्रवाई-सरकार ने तुरंत इस सिरप की 22 बैचों को बैन कर दिया. जानकारी के मुताबिक, जुलाई से अब तक 1.33 लाख बोतलें मरीजों को दी जा चुकी थीं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अब भी 8,200 बोतलें स्टॉक में पड़ी हैं लेकिन अब इन्हें बांटा नहीं जाएगा. कंपनी केसॉन फार्मा की सप्लाई रोक दी गई है. गौरतलब है कि इसी कंपनी की एक और सिरप 2023 में भी क्वालिटी फेल होने पर बैन हुई थी