


भारत की आवाज़/EDITOR VISHNU AGARWAL/DAILY INDIATIMES DIGITAL JOURNALISM PLATFORM/10 AUGUST 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट की चोरी करके PM बने हैं… राहुल गाँधी
मोदी को राहुल गांधी को जेल में डाल देना चाहिए
मैं विष्णु अग्रवाल आप सभी का स्वागत करता हूं। आप देख रहे हैं डेली इंडिया टाइम्स डिजिटल न्यूज़ चैनल। भारत की आवाज में आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे गंभीर मुद्दे पर जिसने पूरे भारत में खलबली मचा दी है और कई संवैधानिक संस्थाओं को कटघरे में ला दिया है। लेकिन पहले आप यह वीडियो देखिए फिर हम बात को आगे बढ़ाएंगे।
राहुल ने सर ये अमीरी गरीबी की बात की। कौन राहुल? हमारे वाले राहुल। वीडियो में आप साफ देख रहे हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी साहब आज तक के साथ एक हंसी मजाक वाले इंटरव्यू में सुधीर चौधरी और राहुल कवल के साथ जो दूसरे पत्रकार भी उनके साथ बैठे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि कौन राहुल? जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कौन राहुल और सुधीर चौधरी बड़ी जोर से हंसते हैं। जैसे कि नरेंद्र मोदी ने कोई उनको पंजाबी स्टाइल में चुटकुला सुना दिया हो। कितना बेशर्मी और कितनी नकारात्मक भरा यह वीडियो भारत के लोकतंत्र पर एक श्राप की तरह है। यह वीडियो जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शामिल है और वो सुधीर चौधरी राहुल कवल के सामने बैठकर ये प्रोग्राम एक इंटरव्यू के तौर पर पेश किया गया था। लग नहीं रहा था कि इंटरव्यू है। ऐसा लग रहा था कि जैसे कि कोई टेबल पर चाय नाश्ता चल रहा हो, हंसी मजाक चल रहा हो और पंजाबी स्टाइल में चुटकुले सुनाए जा रहे हो और उन चुटकुलों पर सुधीर चौधरी जिनको भारत का सबसे बड़ा पत्रकार माना जाता है। लेकिन रियलिटी में वह एक तथाकथित गोदी मीडिया पत्रकार हैं। उनको पत्रकार कहना भी पत्रकारिता के माथे पर एक कलंक के जैसा है। साफ शब्दों में कह सकते हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी के दलाल हैं। तो दोस्तों इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब कहते हैं कौन राहुल? यह वही राहुल गांधी है क्योंकि यह 2024 से पहले का वीडियो है एक इंटरव्यू का। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कौन राहुल? लेकिन आज ये वही राहुल गांधी है 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जो 100 सीट लाकर पार्लियामेंट के अंदर अपोजिशन ऑफ लीडर बने। जी हां, अपोजिशन ऑफ लीडर एलओपी आज राहुल गांधी भारत में जनता की एक इतनी मजबूत आवाज बन चुके हैं। एक इतनी मजबूत पुकार बन चुके हैं जो आम जनता की आवाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कानों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

यह राहुल गांधी का ही करिश्मा है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगभग उन्हीं, उस उसी पथ पर चल रहे हैं। उन्हीं कार्यों को अंजाम दे रहे हैं जो पथ राहुल गांधी ने तय किया हुआ है। ऐसे अनेक फैसले हैं जो हाल में मोदी सरकार को बदलने पड़े हैं। मोदी सरकार को अपने पूर्व प्लानिंग के तहत उन्होंने की जो स्कीम थी जो पॉलिसी थी जो बिल्स थे जो पार्लियामेंट में आने वाले थे उनमें काफी बड़ा फेरबदल करना पड़ा है। उसका कारण है कि आज करीब 10, 10 से 12 साल के बाद पार्लियामेंट में कांग्रेस को एक ताकतवर नेता के रूप में कमान मिली है राहुल गांधी के हाथ में एलओपी के रूप में क्योंकि अभी से पहले कांग्रेस का विपक्ष में कोई नेता नहीं था या विपक्षी पार्टियों के पास में एक पुख्ता लीडर नहीं था। आज हालात इस कदर बदल चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या गृह मंत्री अमित शाह हो या एनडीए का कोई दूसरा बड़ा नेता हो। आज पार्लियामेंट में अगर जब बहस होती है तो काफी कुछ एक स्तरीय बहस होती है। काफी कुछ सत्ता पक्ष को बहुत-ब बहुत प्लानिंग के साथ बोलना पड़ता है। जैसे कि पिछले 10 साल में हो रहा था। लग रहा था कि सारा जो गेम है वो वन साइड जा रहा है। सरकार चाहे वो गलत काम हो, अच्छा काम हो, अपनी मर्जी से अपनी इच्छाओं के अनुसार कर रही है। हमने पास्ट में देखा कि कैसे किसानों के संदर्भ में एक बिल लेकर आई थी सरकार। लेकिन काफी बड़े विरोध के बाद, काफी हिंसक विरोध के बाद सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। लेकिन दोस्तों अभी 2024 के बाद भारत की राजनीति एक बड़ी करवट ले चुकी है। ये करवट इतनी बड़ी करवट है कि पिछले 10 साल से लगभग जो दुनिया के और भारत के जो प्रमुख जो राजनीतिक विशेषज्ञ हैं जो मान चुके थे और स्पष्ट शब्दों में यह दावा कर रहे थे कि कांग्रेस मर चुकी है। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस ने 100 सीटों पर अपना कब्ज़ा किया तो पूरी दुनिया में यह मैसेज गया कि कांग्रेस अभी जिंदा है। जी हां दोस्तों कांग्रेस अभी जिंदा है। अभी हम बात करने वाले हैं। अभी 2 दिन पहले राहुल गांधी ने एक खचाकच भरी सभा में जिसमें सैकड़ों पत्रकार थे और काफी बुद्धिजीवी उसमें शामिल थे। राहुल गांधी ने अकेले स्टेज पर खड़े होकर एक इतना चौंकाने वाला बयान दिया। एक चौंकाने वाला उन्होंने एक एटम बम लोग भारत के सामने फोड़ा और रियलिटी में ये एटम बम है। लोग कहेंगे ये सूतली बम है। ये पुस्त हो गया या कुछ भी हो। जी नहीं लोग बकवास करते हैं। चाहे वो देश का टीवी मीडिया हो। आज तक न्यूज़ चैनल हो, जी न्यूज़ हो, इंडिया टीवी हो, एबीपी न्यूज़ हो। यह सभी अडानी और अंबानी के चैनल हैं और यह भी दुनिया जानती है कि अडानी अंबानी के चैनल है तो वो भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते।
वो इलेक्शन कमीशन के खिलाफ नहीं बोल सकते। क्योंकि यह स्पष्ट है कि अडानी और अंबानी के साथ मौजूदा केंद्र सरकार जो मोदी सरकार है उसका काफी गहरा साठगाठ है। काफी गहरी बैट है। काफी गहरा याराना भी है क्योंकि न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट जैसे अखबार भी इस बारे में एक बड़ी-बड़ी खबरें और पोस्ट छाप चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गौतम अडानी और मुकेश अंबानी के साथ कितने याराना संबंध हैं। और इन्हीं दोनों उद्योगपतियों के 90% जो टीवी चैनल हैं, न्यूज़ चैनल हैं, वह इन दोनों ही उद्योगपतियों के हैं। तो आप सोच सकते हैं कि जो पत्रकार इन टीवी चैनलों में वर्क कर रहे हैं चाहे वो अंजना ओम कश्यप हो, सुधीर चौधरी हो, रजत शर्मा हो या दूसरे कोई भी बड़े पत्रकार हो वो कैसे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ बोल सकते हैं? कैसे नरेंद्र मोदी सरकार की पॉलिसी के खिलाफ जा सकते हैं? तो इसलिए इस टीवी मीडिया को जो गोदी मीडिया नाम दिया गया है उसका प्रमुख कारण यही है और अभी हाल ही में एक एक पोस्ट पॉडकास्ट में एक फेमस पत्रकार ने जो कि किसी जमाने में वो भी गोदी पत्रकार के नाम से फेमस थे सुमित अवस्थी हम उनकी बात उन्होंने स्पष्ट कर भी दिया है। उन्होंने साफ कहा कि हां हम हमको गोदी मीडिया नाम दिया गया है क्योंकि हम सरकार के पक्ष में खबरें चलाते हैं। सरकार का पक्ष लेते हैं। उसका कारण उन्होंने कहा कि सरकार से पैसा आ रहा है। इन उद्योगपतियों से पैसा आ रहा है और जिससे पैसा आ रहा है हमें उसके पक्ष में डपली बजानी पड़ेगी। हमें उसके पक्ष में दलाली करनी पड़ेगी। हमें उसके पक्ष में एक मदारी की तरह डमरू बजाना पड़ेगा। तो दोस्तों भारत का टीवी मीडिया सवालों के घेरे में है। ये भी दुनिया जानती है। लेकिन हम बात कर रहे हैं कि अभी हाल ही में राहुल गांधी ने जो एटम बम फोड़ा है। जी हां, इसको एटम बम ही नाम बोलेंगे। क्योंकि राहुल गांधी ने एक ऐसा आइटम बम फोड़ा है जिसने भारत के चुनाव आयोग की कमर तोड़ दी है। भारत के चुनाव आयोग को चोर साबित कर दिया है। भारत के चुनाव आयोग को डकैत साबित कर दिया है। भारत के चुनाव आयोग को क्रिमिनल साबित कर दिया है। और अब तो उन्होंने शपथ पत्र भी दे दिया है कि जाओ जो तुम पर कुछ कर सकते हो कर लो। लेकिन तुम चोर हो क्योंकि तुमने नरेंद्र मोदी सरकार को जिताने के लिए भारत के संविधान की हत्या की है। आपने मतदाता के संविधान मतदाता के अधिकारों की हत्या की है। आपने वोटों की चोरी की है। आपने भारत के संसदीय प्रणाली को कुचलने के लिए पूरी तरह से कोशिश की है और इसके लिए राहुल गांधी ने पुख्ता सबूत पेश किए हैं और वो सारे सबूत ये गवाही देते हैं कि भारत का जो चुनाव आयोग है वो अपराधी है और वो आंखों पर पट्टी बांध के धृतराष्ट्र की तरह आंखों पर पट्टी बांध के जैसे धृतराष्ट्र अपने बेटे दुर्योधन को सत्ता में लाने के लिए लाख प्रयत्न करते थे। उसी तरह भारत का जो चुनाव आयोग है वो मोदी सरकार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मोदी सरकार को चुनाव जिताने के लिए मतदाताओं के अधिकारों की हत्या करता रहा है। देश में सालों से वोटों की चोरी होती रही है। राहुल गांधी ने इस वोटों की चोरी को पकड़ लिया है। बकायदा पूरे पुख्ता सबूत राहुल गांधी ने पेश किए हैं और फिर यह सवाल उठता है कि अगर राहुल गांधी झूठ बोल रहे हैं तो राहुल गांधी को जेल में डालो। अगर राहुल गांधी कह रहे हैं कि चुनाव आयोग ने चोरी की है और चुनाव आयोग को लगता है कि वो सही मार्ग पर है तो हिम्मत है तो राहुल गांधी को जेल में डालो। राहुल गांधी को अब तक जेल में क्यों नहीं डाला गया? क्यों चुनाव आयोग ने चुप्पी साध रखी है? क्योंकि चुनाव आयोग चोर है और चुनाव आयोग की इस चोरी में बराबर शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार, गृह मंत्री अमित शाह की सरकार और वो सभी सरकारें जो कि चोरी के वोटों से बनाई गई हैं। अभी महाराष्ट्र में जब लास्ट टाइम विधानसभा का जब चुनाव था, चुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद ही राहुल गांधी तब से लेकर आज तक एक साल का समय हो गया। लगातार कह रहे हैं कि महाराष्ट्र में जो चुनाव है वो चोरी करके जीता गया है। महाराष्ट्र के चुनाव में वोटों की हेराफेरी की गई है। करोड़ों वोटों को इधर से उधर किया गया है। फर्जी वोटिंग की गई है। लेकिन सरकार और चुनाव आयोग ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध दी और कानों में डंडा डाल के कानों को बंद कर लिया। इतना बड़ा अपराध चुनाव आयोग ने मोदी सरकार के साथ मिलके किया है। यह अपराध माफी लायक नहीं है। इस अपराध के लिए उन चुनाव आयुक्तों को उन चुनाव आयोग को माफ नहीं किया जा सकता। ऐसे चुनाव आयुक्तों को जो कि इस करप्शन में इस अपराध में इस भ्रष्टाचार में शामिल है उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कारवाई होनी चाहिए। अगर राहुल गांधी के जो आरोप है वो सच है तो इन ऐसे अधिकारियों को माफ नहीं किया जाना चाहिए। उनको छोड़ा जाना नहीं चाहिए। सिर्फ सस्पेंड कर देने से काम नहीं चलेगा। ऐसे अपराधियों को ऐसे अपराधी चुनाव आयुक्तों को जेल में डाल देना चाहिए। क्योंकि ये भारत के लोकतंत्र की हत्या है। भारत की मर्यादा की हत्या है। भारत के गौरवशाली अतीत को कलंकित किया है इन चुनाव आयोग ने और ऐसे चुनाव आयुक्तों को और चुनाव आयुक्त के अधिकारियों को। इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी ही चाहिए। और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को भी माफी नहीं मिलनी चाहिए। 2014 से पहले कांग्रेस की सरकारों ने जो भी नकारात्मक काम किए थे, भ्रष्टाचार किए थे, घोटाले किए थे, पिछले 12 साल से देश की जनता लगातार कांग्रेस को पनिशमेंट दे रही है। उनको सत्ता से बाहर कर दिया गया। लात मार के कांग्रेस को बेदखल कर दिया गया। कांग्रेस को 50 सीटों के लिए भी तरसना पड़ गया। खून के आंसू रोना पड़ गया। अब वही स्थिति आज नरेंद्र मोदी की सरकार की है। नरेंद्र मोदी साहब ने तीसरी बार जब प्रधानमंत्री बने हैं तो साफ है कि वो चोरी करके वोटों की चोरी करके प्रधानमंत्री बने हैं और एक तरह से हम कह सकते हैं कि ये लुटेरी सरकार है और अगर नहीं है तो राहुल गांधी को जेल में डालो। क्यों ये राहुल गांधी नाम का व्यक्ति रोड पर घूम रहा है? क्यों ये कर्नाटक जा रहा है, दिल्ली जा रहा है, मुंबई जा रहा है? क्यों खुलेआम राहुल गांधी चुनावी सभाओं में बोल रहा है, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है? अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही है। अगर गृह मंत्री अमित शाह सही है। अगर मुख्यमंत्री जो महाराष्ट्र के हैं देवन फनवीस सही है। अगर भजन लाल शर्मा जो राजस्थान के मुख्यमंत्री है वो सही है। अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री जो बीजेपी की सरकार सही है। अगर मध्य प्रदेश में जो बीजेपी की सरकार है उनके मंत्री मुख्यमंत्री मोहन यादव सही है। ये सब मिलके डाले राहुल गांधी को जेल में और एक-एक कांग्रेस की कमर तोड़ दे अगर राहुल गांधी झूठ बोल रहा है। और अगर यह ऐसा नहीं करते हैं, तो यह साफ़ मैसेज जा रहा है कि चुनाव आयोग के साथ मिलके भारतीय जनता पार्टी ने देश की मर्यादा की हत्या की है। लोकतंत्र की हत्या की है। देश की संविधानिक संस्था को मारा है। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को नष्ट कर दिया है। दोस्तों, चुनाव आयोग एक ऐसी संस्था है जिस पर जो एक मरदित संस्था है जो कि अगर देश में चुनाव ही ईमानदारी से नहीं होगा, तो फिर चुनाव कराने का क्या मतलब सामने रह जाता है। लेकिन सबसे ज्यादा जो शर्मनाक तथ्य है वो है दोस्तों सवाल खड़ा होता है पत्रकारों पर। देश का टीवी मीडिया मर चुका है। देश के जो टीवी पत्रकार हैं यह कलंकित हो चुके हैं। भ्रष्ट हो चुके हैं। इन लोगों ने पिछले 12 अगर देश का टीवी मीडिया सजग होता। देश का टीवी मीडिया ईमानदारी से अपना काम कर रहा होता तो आज देश के अंदर चुनाव आयोग या किसी भी सरकार के द्वारा इतना बड़ा एक चोरी का स्कैंडल सामने ना आता। इसको चोरी कहना भी बहुत छोटा शब्द होगा। चुनाव आयोग ने डकैती डाली है। जी हां, हम पहले किसी जमाने में सुनते थे कि बैंक में डकैती हो गई। जोस के यहां डकैती हो गई। लेकिन चुनाव आयोग ने तो देश के मतदाता का अधिकारी ही डकैती करके छीन लिया। कितना बड़ा अपराध किया है। मैं फिर यहां अपनी बात को खत्म करने से पहले कहूंगा कि अगर राहुल गांधी झूठ बोल रहा है। राहुल गांधी के आरोपों में दम नहीं है तो राहुल गांधी को जेल में डालो। राहुल गांधी की कमर तोड़ दो। राहुल गांधी को परमानेंट जेल में फिट कर दो। भारत की आवाज की अगली कड़ी में हम इस बात को लगातार जारी रखेंगे क्योंकि दोस्तों वोटों की चोरी का जो विषय है यह इतना कमजोर नहीं है कि अभी छोटे से वक्तव में यह बात पूरी हो जाए। लेकिन दोस्तों एक जिस्म में एक खून में उबाल है क्योंकि चुनाव आयोग ने देश के साथ गद्दारी की है।