वाराणसी से रिपोर्ट:काशी विश्वनाथ मंदिर के पास हो रही गंगा तट की सफाई और विकास परियोजना के दौरान खुदाई में कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं, जिन्होंने पूरे धार्मिक जगत को चौंका दिया है। यह अवशेष किसी प्राचीन मूर्ति के प्रतीत होते हैं, जिनमें से एक पर त्रिशूल जैसे चिन्ह स्पष्ट देखे जा सकते हैं।खुदाई में शामिल एक श्रमिक ने दावा किया, “जब खुदाई चल रही थी, तभी ज़मीन के नीचे से एक अजीब सी रोशनी निकली, और फिर ये मूर्तियाँ दिखने लगीं।”पुरातत्व विभाग की टीम ने इन वस्तुओं को जांच के लिए सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ये अवशेष गुप्तकाल या उससे भी पहले के हो सकते हैं।स्थानीय संतों का कहना है कि ये भगवान शिव की प्राचीन प्रतिमा के अंश हैं। एक संत ने कहा – “काशी तो स्वयं भगवान शिव की नगरी है, यह मूर्ति उसी की साक्षात उपस्थिति का प्रमाण हो सकती है।”अब सवाल ये है – क्या काशी की धरती एक बार फिर धर्म और इतिहास को नया मोड़ देने वाली है?
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