नई दिल्ली:
भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर फिर से राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज़ हो गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कुछ राज्यों में मुस्लिम समुदाय को योजनाबद्ध तरीके से टारगेट किया जा रहा है।
बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा – “हर शुक्रवार को मस्जिदों पर पहरा, मदरसों की जांच और हिजाब पर विवाद – ये सभी दर्शाते हैं कि एक खास धर्म को निशाना बनाया जा रहा है।”
सरकार ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि सभी धर्मों के लिए समान कानून है।
हालांकि, विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया – “भारत सबका है। धार्मिक भेदभाव राष्ट्र को कमजोर करता है।”
अब सवाल है – क्या यह मुद्दा सिर्फ चुनावी रणनीति है या सच में भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब खतरे में है?