आज की दुनिया में धर्म का महत्व बहुत गहरा है। प्राचीन समय में अनेक धर्मों का अस्तित्व था, लेकिन ईसाई और इस्लाम धर्म के उदय के बाद कई पुराने धर्म धीरे-धीरे समाप्त हो गए। कुछ देशों में धार्मिक कट्टरता की वजह से कई परंपरागत धर्म पूरी तरह मिट चुके हैं और कई अन्य आज संकट में हैं। इसके बावजूद, वैश्विक स्तर पर अब भी लगभग 300 से अधिक धर्मों का अस्तित्व माना जाता है।
हालांकि, विश्व में मुख्य रूप से हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, ईसाई, यहूदी और वुडू जैसे धर्मों को मानने वाले लोग बड़ी संख्या में हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? आइए जानें।
🌐 दुनिया का चौथा सबसे बड़ा “धर्म” कौन?
- दुनिया में सबसे बड़ी धार्मिक आबादी ईसाई धर्म से जुड़ी है, जो कुल जनसंख्या का करीब 31.6% है।
- इसके बाद इस्लाम धर्म आता है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 25.8% है।
- हिंदू धर्म तीसरे स्थान पर है, जिसे दुनिया की 15.1% जनसंख्या मानती है।
अब बात आती है चौथे नंबर की — और यह तथ्य चौंकाने वाला है। चौथे स्थान पर वे लोग आते हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते। यानी नास्तिक, अज्ञेयवादी या स्वयं को किसी धर्म से न जोड़ने वाले लोग। इनकी वैश्विक संख्या लगभग 14.4% है।
🔄 क्यों बढ़ रही है धर्म से दूरी?
- पांचवें स्थान पर बौद्ध धर्म है, जिसे मानने वालों की संख्या लगभग 6.6% है।
- इसके बाद यहूदी धर्म आता है, जिसकी वैश्विक हिस्सेदारी 0.2% है।
इस आंकड़ों की रिपोर्ट वर्ष 2022 की है, जिसमें विभिन्न धर्मों के अनुसार विश्व जनसंख्या का विश्लेषण किया गया था। यह विषय इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि Pew Research Center की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में धार्मिक आस्था छोड़ने का चलन बढ़ रहा है।
📉 किन देशों में घट रही धार्मिक आबादी?
बौद्ध धर्म को मानने वाले कई लोग भी अपने पारंपरिक क्षेत्रों से बाहर जा रहे हैं।
ईसाई धर्म को छोड़ने वालों की संख्या सबसे अधिक है।
जैसे कि स्पेन में ईसाइयों की संख्या गिरकर अब सिर्फ 54% रह गई है।
इटली में भी 20% से अधिक लोगों ने ईसाई धर्म को त्याग दिया है।
इसके अलावा नीदरलैंड, जर्मनी, फ्रांस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी धर्म से दूरी बढ़ रही है।